मई दिवस को बंद अवकाश घोषित करे – रविशंकर
सीटू के संगठन सचिव श्री श्री रविशंकर ने बताया कि आज 1 मई को मई दिवस के उपलक्ष्य में सीटू कार्यालय में सुबह 7:45 बजे तथा 8:30 बजे बोरिया गेट पर ध्वजारोहण किया गया | इसके बाद सीटू की विभागीय समितियों के सदस्यों ने सभी विभागों में घूम घूम कर श्रमिक साथियों को बधाई देते हुए मई दिवस को बंद अवकाश घोषित करने की मांग के अपने संकल्प को सभी तक पहुंचाया | ज्ञातव्य हो कि देश के पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, पंजाब, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, केरल,तमिलनाडु, गोवा सहित लगभग 10 राज्यों में मई दिवस को बंद अवकाश घोषित है | सीटू ने मांग की कि छत्तीसगढ़ शासन को भी मई दिवस को बंद अवकाश घोषित करना चाहिए ताकि भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन भी इसे बंद अवकाश घोषित कर सके |
आठ घंटे काम और साप्ताहिक अवकाश मिला – रेड्डी
सीटू महासचिव डी.वी.एस.रेड्डी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस अर्थात् मई दिवस (May Day) 1886 में शिकागो में आरंभ हुआ। श्रमिक मांग कर रहे थे कि काम की अवधि आठ घंटे हो और सप्ताह में एक दिन का अवकाश हो। इस दिन श्रमिक हड़ताल पर थे। इस हड़ताल के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने बम फोड़ दिया तत्पश्चात् पुलिस गोलाबारी में कुछ मजदूर मारे गए, साथ ही कुछ पुलिस अफसर भी मारे गए।
1889 में पेरिस में अंतरराष्ट्रीय महासभा की द्वितीय बैठक में फ्रेंच क्रांति को याद करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया कि इसको अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाए, उसी समय से विश्व भर के 105 देशों में 'मई दिवस' को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता प्रदान की।
भारत में मई दिवस 1923 में मनाया गया – टी.जोगाराव
सीटू के संगठन सचिव श्री टी.जोगाराव ने बताया कि भारत में मई दिवस पहली बार वर्ष 1923 में मनाया गया जिसका सुझाव सिंगारवेलु चेट्टियार नामक कम्यूनिस्ट नेता ने दिया. उनका कहना था कि दुनियां भर के मजदूर इस दिन को मनाते हैं तो भारत में भी इसको मान्यता दी जानी चाहिए। मद्रास में मई दिवस मनाने की अपील की गई। इस अवसर पर वहां कई जनसभाएं और जुलूस आयोजित कर मजदूरों के हितों के प्रति सभी का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया।