गुरुवार, 11 मई 2017

सीटू का राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर : BTR भवन दिल्ली




सीटू का राष्ट्रीय शिविर सम्पन्न
सीटू का 3 दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर नई दिल्ली स्थित सीटू कार्यालय बी.टी. आर भवन में आयोजित किया गया था जो बुधवार को संपन्न हुआ । प्रशिक्षण शिविर के अंतिम सत्र में संगठन पर चर्चा की गयी । चर्चा के दौरान इस बात पर विशेष गौर किया गया कि इस्पात, कोयला, परिवहन, मजदूर, जैसे हर उद्योग  और आंगनबाड़ी ,मध्यान भोजन, मनरेगा, जैसे हर क्षेत्र में सीटू द्वारा कर्मचारियों के हित में अनेकों संघर्ष स्वतंत्र और संयुक्त रुप से किए गए किंतु उन संघर्षों को पूरी तरह संगठन में तब्दील नहीं किया जा सका ।
संघर्षों को संगठन में बदलने का आह्वान
सीटू के इस 3 दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर के अंत में संघर्षों को संगठन में तब्दील करने का आव्हान किया गया | इसके अलावा राजनीतिक अर्थशास्त्र, सांप्रदायिकता के खतरे, भूमंडलीकरण का मजदूरों पर असर, महिलाओं को संगठन में जोड़ने पर विशेष जोर आदि पर भी चर्चा हुई । राजनीतिक अर्थशास्त्र पर का. तपन सेन, सांप्रदायिकता के खतरे पर का. जे.एस. मजूमदार, मजदूर आंदोलन का इतिहास पर कामरेड स्वदेश देवराय,जनवादी कार्यप्रणाली पर कामरेड हेमलता, कामरेड कश्मीर सिंह ठाकुर ने अपना व्याख्यान दिया।
छत्तीसगढ़ से तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शामिल
इस आयोजन में पूरे देश से विभिन्न राज्यों से आये प्रतिनिधियों ने भाग लिया | छत्तीसगढ़ राज्य से तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इस राष्ट्रिय शिविर में भाग लिया  | तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मे सीटू की छत्तीसगढ़ राज्यसमिति के कार्यकारी अध्यक्ष एसपी डे, सचिव धर्मराज महापात्रा तथा अंजना बाबर शामिल थे ।




सोमवार, 1 मई 2017

मई दिवस 2017

मई दिवस को बंद अवकाश घोषित करे – रविशंकर
सीटू के संगठन सचिव श्री श्री रविशंकर ने बताया कि आज मई को मई दिवस के उपलक्ष्य में सीटू कार्यालय में सुबह 7:45 बजे तथा 8:30 बजे बोरिया गेट पर ध्वजारोहण किया गया | इसके बाद सीटू की विभागीय समितियों के सदस्यों ने सभी विभागों में घूम घूम कर श्रमिक साथियों को बधाई देते हुए मई दिवस को बंद अवकाश घोषित करने की मांग के अपने संकल्प को सभी तक पहुंचाया ज्ञातव्य हो कि देश के पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, पंजाब, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, केरल,तमिलनाडु, गोवा  सहित  लगभग 10 राज्यों में मई दिवस को बंद अवकाश घोषित है | सीटू ने मांग की कि छत्तीसगढ़ शासन को भी मई दिवस को बंद अवकाश घोषित करना चाहिए ताकि भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन भी इसे बंद अवकाश घोषित कर सके |
आठ घंटे काम और साप्ताहिक अवकाश मिला  – रेड्डी
सीटू महासचिव डी.वी.एस.रेड्डी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस अर्थात् मई दिवस (May Day) 1886 में शिकागो में आरंभ हुआ। श्रमिक मांग कर रहे थे कि काम की अवधि आठ घंटे हो और सप्ताह में एक दिन का अवकाश हो। इस दिन श्रमिक हड़ताल पर थे। इस हड़ताल के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने बम फोड़ दिया तत्पश्चात् पुलिस गोलाबारी में कुछ मजदूर मारे गएसाथ ही कुछ पुलिस अफसर भी मारे गए।

1889 में पेरिस में अंतरराष्ट्रीय महासभा की द्वितीय बैठक में फ्रेंच क्रांति को याद करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया कि इसको अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाए
उसी समय से विश्व भर के 105 देशों में 'मई दिवसको राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता प्रदान की।

भारत में मई दिवस 1923 में मनाया गया – टी.जोगाराव
सीटू के संगठन सचिव श्री टी.जोगाराव ने बताया कि भारत में मई दिवस पहली बार वर्ष 1923 में मनाया गया जिसका सुझाव सिंगारवेलु चेट्टियार नामक कम्यूनिस्ट नेता ने दिया. उनका कहना था कि दुनियां भर के मजदूर इस दिन को मनाते हैं तो भारत में भी इसको मान्यता दी जानी चाहिए। मद्रास में मई दिवस मनाने की अपील की गई। इस अवसर पर वहां कई जनसभाएं और जुलूस आयोजित कर मजदूरों के हितों के प्रति सभी का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया।