श्रमिकों की यह लड़ाई आगे और तेज होगी – संजीव
रेड्डी
इंटक के राष्ट्रिय अध्यक्ष संजीव रेड्डी ने आज दिल्ली
महाधरना को संबोधित करते हुए मजदूरों के संघर्ष को और तेज करने की बात कही |
संयुक्त मोर्चे को और मजबूत करने की जरुरत है | उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना
साधते हुए कहा कि “आपकी नीतियां जनता और
मजदूर विरोधी रही हैं इसका प्रमाण
पूरे देश के हर प्रान्त से उमड़ी यह भीड़ है | मन्दिर मस्जिद की राजनीती ना करें ,|
मन्दिर और मस्जिद में भी हजारों मजदूर भी
काम करते हैं उनको भी लाभ हो ऐसी नीतियाँ लागू करें |”
महाधरना में देश भर से इस्पात कर्मी हुए शामिल
भारत सरकार के द्वारा स्टील
अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के तीन स्पेशल स्टील
बनाने वाले संयंत्रों
सेलम, भद्रावती, तथा दुर्गापुर के विशेष इस्पात संयंत्रों के निजीकरण के निर्णय के
विरोध में देश के अलग अलग स्थानों में स्थित सार्वजनिक उपक्रम SAIL की सभी इकाइयों तथा RINL के इस्पात उद्योग से जुड़े हुए हजारों कर्मीयों ने दिल्ली के जंतर मन्तर पर इकठ्ठा होकर महाधरना का समर्थन
किया | भिलाई तथा राजहरा के लगभग 300 इस्पात कर्मियों
ने इस प्रदर्शन में अपनी भागीदारी दर्ज की | ज्ञातव्य हो कि इन संयंत्रों में
टैंकों, बख्तरबंद गाड़ियों , विभिन्न सुरक्षा उपकरणों के साथ-साथ रॉकेट में लगने
वाले खोल का भी स्टील भी बनाया जाता है | यूनियनों की राय में ऐसे सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण
तथा संवेदनशील उद्योगों का निजीकरण करने का निर्णय राष्ट्र हित में नहीं है |
भद्रवती स्टील प्लांट
भद्रावती आयरन एंड स्टील
प्लांट (वीआईएसएल) की स्थापना 1918 में, लगभग 98 साल पहले स्टील और पिग आयरन
उत्पादन करने के लिए कर्नाटक राज्य में सर एम विश्वेश्वरय्या द्वारा की गई थी। यह
इस क्षेत्र में एक अकेला स्टील प्लांट था। 1998 में, सेल द्वारा पूरी तरह से इसका
अधिग्रहण किया गया था। वीआईएसएल रक्षा, एरोनोटिक्स, रेलवे आदि के लिए विशेष
स्टील्स बनाने के लिए सक्षम है| सरकार
निजी मालिकों के लिए विशेष स्टील्स और रेलवे उत्पादों के बाजार को सौंपने के
उद्देश्य से इसके सुधार के लिए निवेश को अनुमति नहीं देकर धीमा जहर देकर वीआईएसएल
की प्राकृतिक मौत मारना चाहता है। वीआईएसएल को निजी मालिकों द्वारा बीमार बनाया
गया था |
अलॉय स्टील्स संयंत्र
अलॉय स्टील्स प्लांट की
स्थापना 1965 में जापान की मदद से उच्च गुणवत्ता वाले स्टेनलेस स्टील और परिष्कृत
औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए विशेष स्टील्स के विभिन्न गुणों का उत्पादन करने के
लिए की गई थी। एएसपी रक्षा, रॉकेट्स, स्पेस रिसर्च, वॉर शिप्स, पनडुब्बियां, हाई
स्पीड रेलवे, न्यूट्रीनो प्रयोगों, ऑटोमोबाइल, रक्षा आदि के लिए उपयुक्त विशेष
स्टील्स की 500 किस्में पैदा कर रही है। कोई सही सोच वाला व्यक्ति इस मूल्यवान
संपत्ति को किसी भी निजी हाथ में नहीं सौंपेगा |
सेलम स्टील प्लांट
सेलम स्टील प्लांट (एसएसपी)
1970 में तमिलनाडु राज्य में सेल द्वारा स्थापित किया गया था ताकि उद्योगों,
रेलवे, सजावट और घरेलू बर्तनों में आधुनिक अनुप्रयोगों की संख्या के लिए उच्च
गुणवत्ता वाले स्टेनलेस स्टील (एसएस) शीट्स का उत्पादन किया जा सके। यह न केवल
भारत में , बल्कि दुनिया में सबसे अच्छा स्टेनलेस स्टील शीट निर्माता है ।
तीन हजार करोड़ का निवेश सुधार देगा कंपनियों
को
ज्ञातव्य हो कि इस्पात संयंत्रों के पुनरुद्धार के लिए सरकार
ने 75000 करोड़ का निवेश किया है लेकिन इन विशिष्ट इस्पात संयंत्रों को केवल 3000
करोड़ के निवेश के द्वारा फायदे वाली इकाइयों में बदला जा सकता है | जिसके लिए केंद्र सरकार गंभीर प्रयास नहीं कर
रही है |
घाटा केंद्र सरकार की नीतियों का दुष्परिणाम
पिछले दो वर्षों में हुआ
वित्तीय घाटा केवल केंद्र सरकार की राष्ट्र विरोधी नीतियों का दुष्परिणाम है |
केंद्र सरकार को चाहिए कि SAIL की सभी इकाइयों तथा RINL को
उनके आधुनिकीकरण, विस्तार पर निवेश तथा MECON
तथा CET जैसी सलाहकार कंपनियों द्वारा सुझाए गए
आधारभूत समस्याओं के समाधान के साथ साथ, लागत मूल्य से कम मूल्य पर इस्पात के
अंधाधुंध आयात पर रोक लगाकर लाभ कमाने वाली इकाइयों में तब्दील किया जाये|