बुधवार, 18 मई 2016

CDA रूल्स संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन 180516

अनिवार्य सेवानिवृत्ति संशोधन के खिलाफ सीटू का जंगी प्रदर्शन
हिंदुस्तान स्टील एम्प्लोयिज युनियन सीटू , ने आज सुबह आठ से नौ बजे तक बोरिया गेट पर सी डी ए रुल में किये गए मनमाने संशोधन के द्वारा जबरिया सेवानिवृत्ति के प्रावधान का विरोध करने के लिए जंगी प्रदर्शन किया | इसके प्रावधानों के अनुसार तीन माह की नोटिस या तीन माह के वेतन देकर जबरिया सेवानिवृत्त किया जा सकेगा | यह संशोधन प्रबंधन के द्वारा मनमाने तरीके से सेवानिवृत्ति का हथियार है, जिसके द्वारा एकतरफा कार्यवाही का अधिकार मिल जाएगा और कर्मियों की आयु 50 साल पूरा होने के बाद खतरे में पड जायेगी |
कर्मियों ने साढ़े सात हजार करोड़ की महारत्न कंपनी बनाया
सीटू के अध्यक्ष श्री डे ने अपने संबोधन में कहा कि सेल पिछले 7 दशकों में अपने कर्मचारियों और अधिकारियों की निष्ठा लगन और प्रतिबद्धता के कारण कदम दर कदम आगे बढ़ते हुए साढ़े सात हजार करोड़ की महारत्न कंपनी में परिवर्तित हो चुका है | यहां यह विशेष रुप से ध्यान देने योग्य तथ्य है की कर्मचारियों की संख्या लगभग एक तिहाई हो चुकी है लेकिन उत्पादन लगभग 3 गुना तक पहुँच चुका है | इतनी क्षमता दिखाने के बावजूद कर्मचारियों के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति की योजना का प्रस्तुतीकरण बेहद खेद जनक और दुर्भाग्यपूर्ण है |
सेल को बिकने से कर्मियों ने बचाया
सीटू महासचिव श्री रेड्डी ने अपने संबोधन में बताया कि मेंकेंसी रिपोर्ट के आधार पर जब सरकार ने सेल को टुकड़ों में बांटकर निजी पूंजीपतियों के हाथ में बेचने का फैसला कर लिया था, तब सभी कर्मचारियों ने एकजुट होकर उसे बिकने से बचाया था और अपनी मेहनत और लगन से उसे महारत्न कंपनी बना दिया था | इसी कड़ी में तत्कालीन सरकार सेल के कैप्टिव पावर प्लांट को एनरोन  कंपनी को बेचने के लिए प्रतिबद्ध थी | लेकिन कर्मचारियों तथा अधिकारियों की एकजुटता और उनकी क्षमता के चलते ऐसा नहीं हो पाया और आज सेलम अपने उर्जा उपयोग के मामले में बाकी कंपनियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर टक्कर देता हुआ खड़ा है | यह सेल के कर्मियों की सक्षमता और उनके द्वारा किए जा रहे सजगता पूर्ण कार्यों का ही परिणाम है |
सरकार इस्को(IISCO) को उसके अधीनस्थ खदानों हुआ और कृष के साथ बेचने की पूरी तय्यारी कर चुकी थी | यहाँ यह बताना जरुरी होगा कि इन दोनों खदानों में अत्यंत उच्च गुणवत्ता का लौह अयस्क पाया जाता है ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण समय में सीटू के साथ अन्य यूनियनों ने मिलकर जो संघर्ष किया उसके चलते यह प्लांट और इसकी बेशकीमती खदानें निजीकरण से बच गई और सेल के पास मौजूद रहे |
सेल को जिन्दा रखने के लिए जरुरी है कर्मचारी
कार्यकारी अध्यक्ष पूरण वर्मा ने बताया कि सेल प्रबंधन को यह समझना चाहिए कि उसके कर्मचारी उसके लिए महत्वपूर्ण ही नहीं आवश्यक भी है ताकि सेल अपने मूल स्वरुप में ज़िंदा रह सके | कोक रेट, ऊर्जा की खपत, पानी की खपत, सिनटर की खपत और मलबे और कचरे में कमी के द्वारा धातु प्राप्ति में व्यापक बढ़ोतरी हुई है | इसके साथ-साथ ए.पी.पी. फुलफिल्मेंट और प्रतिव्यक्ति उत्पादकता की दर में भी काफी वृद्धि आई है | यह सभी तभी संभव हुआ है जब हम निर्धारित नियमों मान्यताओं और बेंच मार्क का पालन करते हुए, अपने कार्य को बेहतरीन ढंग से प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए कर सके हैं |
इस्पात उद्योग में आर्थिक मंदी सरकारी रणनीति की नाकामी की वजह से
सहायक महासचिव सविता कुमारी ने बताया कि सेल और इस्पात उद्योग में आई हुई गंभीर आर्थिक मंदी कंपनियों या उनके कर्मचारियों की गलती का नतीजा नहीं है बल्कि मुक्त व्यापार की नीति के तहत विदेश से आने वाले उत्पादों के ऊपर सही रणनीति बनाने में सरकार की नाकामी की वजह से है | चीन सहित कई देशों के स्टील उत्पाद हमारे यहां की उत्पादन लागत से भी कम कीमत पर मार्केट में बिकते रहे और सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी, समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया, ऐसी स्थिति में भारतीय इस्पात उद्योग के लिए नुकसान में जाना बेहद स्वाभाविक स्थिति थी |
अब जाकर केंद्र सरकार की नींद खुली
सहायक महासचिव एस.एस.के. पनिकर ने बताया कि अब जाकर केंद्र सरकार की नींद खुली है और न्यूनतम आयात मूल्य निर्धारित किया गया है जो की सीटू के द्वारा दिए गए सुझावों में से एक है | ऐसे ही कई अन्य सुझाव सीटू तथा अन्य यूनियनों के द्वारा प्रबंधन के समक्ष रखे गए हैं | यदि इस्पात मंत्रालय तथा सरकार सारे सुझावों को मानकर उसके हिसाब से कदम उठाए तो भारतीय इस्पात उद्योग आज भी इतना सक्षम है कि वह अपने पैर पर मजबूती से खड़ा हो जाएगा | केवल सरकार के ठोस और गंभीर प्रयासों की जरूरत है जो उनके पूंजीपति मित्रों के लाभ को देखते हुए न बनाए जाएं बल्कि सामान्य कर्मियों और सार्वजनिक उपक्रमों के विकास को भी ध्यान में रखते हुए बनाए जाएं |

CDA रूल्स संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन

शनिवार, 7 मई 2016

हिन्दुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन, सीटू का आम सम्मलेन



हिन्दुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन, सीटू का आम सम्मलेन

सीटू के ठेका श्रमिक यूनियन , हिन्दुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन, (HITSU) का दूसरा आम सम्मलेन मई दिवस के अवसर पर बी.टी.वी. स्कूल सेक्टर 5 में संपन्न हुआ | इस कार्यक्रम के पहले चरण में अध्यक्ष श्री उमराव सिंह पुरामे ने ध्वजारोहण किया,  तत्पश्चात छ.ग. सीटू महासचिव अजित लाल सहित उपस्थित साथियों ने शहीद वेदी पर पुष्प समर्पण कर शहीदों को श्रद्धांजली दी |
सभा स्थल का नाम दिवंगत नेता एस.राजू के नाम पर रखा गया | अध्यक्ष श्री उमराव सिंह पुरामे ने दिवंगत साथियों के लिए शोक प्रस्ताव रखा तथा दो मिनट की मौन श्रद्धांजली दी गयी |
ठेका मजदूरों की स्थिति गंभीर पुरामे   
श्री पुरामे ने ठेका मजदूरों की स्थिति को गंभीर बताते हुए , सभी मजदूरों को संगठनिक एकता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होने कि आवश्यकता पर जोर देते हुए संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया |
महासचिव ने प्रस्तुत किया प्रतिवेदन |
द्वितीय सत्र में सीटू महासचिव श्री पी.के.मुखर्जी ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया | इस प्रतिवेदन में हिन्दुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन, के द्वारा किये गए कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया | महासचिव के प्रतिवेदन पर ११ साथियों ने चर्चा में भाग लिया |चर्चा का जवाब देने के पश्चात प्रतिवेदन तथा आय व्यय रिपोर्ट सर्वसम्मति से पारित किया गया | तत्पश्चात कामरेड पुरामे द्वारा संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखा जिसमे 2017 से सदस्यता शुल्क बढ़ाकर ६० रुपये वार्षिक करना प्रमुख था जिसे सभा ने सर्वसम्मति से पारित किया |

नए पदाधिकारियों का हुआ चयन

ठेका श्रमिक यूनियन को दिशा निर्देश देने के लिए सीटू अध्यक्ष श्री एस.पी.डे को विशेष रूप से ठेका श्रमिक यूनियन में भेजा गया है | इसी प्रकार सीटू के वरिष्टतम नेता श्री यू.के.सूर्यवंशी , श्री पी.वेंकट और संघर्षशील युवा नेता योगेश कुमार सोनी को भी ठेका श्रमिक यूनियन में प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपी गयी हैं |
हिट्सू के नए पदाधिकारियों का चयन किया गया जो इस प्रकार हैं :-
अध्यक्ष
श्री यू.के.सूर्यवंशी
महासचिव
श्री उमराव सिंह पुरामे
कोषाध्यक्ष
श्री पी.वेंकट
उपाध्यक्ष
1.       श्री एस.पी. डे
2.       श्री जगन
3.       श्री राजू सिंह
4.       श्री राजू भारती
5.       श्रीमती किमा बाई  
सचिव
1.       श्री योगेश सोनी
2.       श्री बैजनाथ
3.       श्री कमलेश चोपड़ा
4.       श्री देवनाथ
5.       श्री कुलेश्वर साहू
कार्यकारिणी सदस्य
1.       श्री पी.के.मुखर्जी
2.       श्री पूरन लाल
3.       श्री गौतम वर्मा
4.       श्री रवि
5.       श्री राकेश शर्मा
6.       श्री डी.मुरली
7.       श्री ब्रिजेश सिंह
8.       श्री श्रीरतन
9.       श्री योगेश्वर राव
10.   श्री गौतम बंजारे
11.   श्री विजय कुमार
12.   श्रीमती फूलमत
13.   श्री रमेश
14.   श्री मनीष सहगल
15.   श्री के.के.दत्ता