बुधवार, 24 अक्तूबर 2018

कॉम तपन सेन : भिलाई इस्पात संयंत्र दौरा

भिलाई इस्पात संयंत्र  के सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली में काफी सुधार की आवश्यकता : तपन सेन
कोक ओवन गैस लाइन दुर्घटना पीड़ित कर्मियों परिजनों से मिलने पहुंचे सीटू के राष्ट्रीय नेता की टिप्पणी
सीटू के राष्ट्रीय महासचिव ने किया बर्न यूनिट का दौरा  
सीटू के राष्ट्रीय महासचिव  कामरेड तपन सेन बुधवार 24 अक्टूबर को भिलाई पहुंचे। भिलाई पहुंचकर सबसे पहले  9 अक्टूबर 2018 को कोक ओवन गैस लाइन पर कार्य के दौरान भीषण दुर्घटना में घायल कर्मियों को देखने अस्पताल पहुंचे। कामरेड तपन सेन ने अस्पताल के बर्न वार्ड में दाखिल पीड़ित कर्मियों से मुलाकात करने के बाद बर्न यूनिट की प्रशंसा की तथा कर्मचारियों को मिल रहे उपचार की गुणवत्ता पर संतोष भी व्यक्त किया जिसके बाद वे अस्पताल प्रभारी डायरेक्टर श्री कला नंद ठाकुर से भी मिले तथा घायल कर्मियों के लिए सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर जोर दिया | तत्पश्चात पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद उन्होंने घटनास्थल का भी दौरा किया,  ईएमडी एवं फायर सर्विसेस के कर्मियों से विशेष रूप से मिले, मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री एक के रथ से मिलकर सुरक्षा एवं अन्य विषयों पर बातचीत की तथा सीटू संबध्द यूनियनों के कार्यकर्ताओं से संवाद किया ।
मृतक कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए
कामरेड तपन सेन ईएमडी विभाग में भी गए | ज्ञातव्य हो कि इस दुर्घटना में ई.एम.डी. विभाग के 9 कर्मियों की दर्दनाक मौत हो गई थी | विभाग में मृतक कर्मियों के सहकर्मियों से मिलकर उन्होंने अपनी संवेदना व्यक्त की | इसके बाद उन्होंने दुर्घटना की परिस्थितियों संभावनाओं तथा बचाव के उपायों की जानकारी ली | इस दौरान विभाग के कर्मचारियों ने कुछ मृतक कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति में आ रही रुकावट के बारे में जानकारी दी | उन्होंने कहा कि सभी प्रकार की नियुक्तियों के लिए नियम बने होते हैं और ऐसे नियम अनुकंपा नियुक्ति पर भी लागू होते हैं | लेकिन जिस प्रकार की भीषण दुर्घटना घटित हुई है उसे देखते हुए ऐसा कोई नियम नहीं हो सकता जिसे शिथिल ना किया जा सके | हमने प्रबंधन को पत्र लिखकर इस संबंध में पहले ही मांग की है कि हर संभावना को तलाश करते हुए सभी मृतक कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए |  तपन सेन ने व्यक्तिगत तौर पर भी इसके लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन विभाग के कर्मचारियों को दिया |
फायर ब्रिगेड कार्यालय पहुंचकर व्यक्त की अपनी संवेदनाएं
कामरेड तपन सेन ने फायर ब्रिगेड कार्यालय पहुंचकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की | उन्होंने फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों तथा अधिकारियों से भी चर्चा की | ज्ञातव्य हो कि इस दुर्घटना में फायर ब्रिगेड के 5 जांबाज़ कर्मियों की मौत हुई थी | यह सभी कर्मी गैस पाइपलाइन में मरम्मत का काम करने वाले ई.एम.डी. विभाग के कर्मियों की सुरक्षा के लिए पूरी मुस्तैदी से पाइप लाइन के पास ही तैनात थे | किसी भी प्रकार की गैस लीकेज की स्थिति में उन्हें उठाकर स्नोर्कल में लाने की जवाबदारी इन फायर ब्रिगेड कर्मियों की थी | दुर्भाग्यवश गैस लीक होने की जगह गैस का धमाका हो गया और यह सारे जांबाज़ कर्मी उसी स्थान पर वीरगति को प्राप्त हुए |
संयंत्र  के सुरक्षा प्रणाली में काफी सुधार की आवश्यकता
9 अक्टूबर की दुर्घटना पर टिप्पणी करते हुए तपन सेन ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र में सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली में काफी सुधार की आवश्यकता है। ज्ञात हो की दुर्घटना के दिन श्री तपन सेन ने सेल के चेयरमैन को पत्र लिखकर सुरक्षा पर भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के  उदासीन रवैये पर कड़ी आपत्ति दर्ज की थी। 12 जून 2014 के गैस दुर्घटना के पश्चात भी उन्होंने प्रबंधन को पत्र लिखकर तत्काल सुरक्षा समिति बनाने की मांग की थी | जिसके बाद भिलाई इस्पात संयंत्र में सुरक्षा समितियां बनी थी किंतु प्रबंधन सुरक्षा से जुड़े हर मामले में सुरक्षा समितियों को भागीदार नहीं बनाती थी। मई 2017 के पश्चात भी कामरेड तपन सेन ने दो बार पत्र लिखकर प्रबंधन को सुरक्षा समितियां बनाने के लिए मांग की थी किंतु प्रबंधन द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई | उन्होंने यथा शीघ्र सुरक्षा समितियों के गठान की आवश्यकता पर जोर दिया |
भिलाई इस्पात संयंत्र में 39 महीनों से नहीं है सुरक्षा समितियाँ
किसी भी संयंत्र में सुरक्षा समितियां एक संवैधानिक आवश्यकता है | यह संयंत्र की सुरक्षा के लिए अति आवश्यक है कि उस संयंत्र में सुरक्षा समितियां सही ढंग से गठित की गई हो | सुरक्षा समिति के सदस्य जागरूकता के साथ सुरक्षित कार्यप्रणाली और सुरक्षित कार्यक्षेत्र उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से सन्नद्ध हो | सीटू के राष्ट्रीय नेता ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि, सेल की ध्वजवाहक इकाई में पिछले 40 महीनों से कोई सुरक्षा समितियों काम नहीं कर रही | उन्होंने स्वयं इस विषय पर बीएसपी प्रबंधन को कई बार पत्र लिखा किंतु प्रबंधन का उदासीन रवैया बना रहा ।
सबसे बड़े एक्सपर्ट हैं अग्रिम पंक्ति के  कर्मचारी एवं अधिकारी
भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंदन द्वारा सुरक्षा के लिये विदेशी सलाहकार की सेवा लिये जाने पर सीटू के राष्ट्रीय नेता ने कहा कि किसी भी उद्योग के सबसे बड़े सुरक्षा विशेषग्य उत्पादन प्रक्रिया के अग्रिम मोर्चे पर कार्य करने वाले कर्मचारी एवं अधिकारी होते हैं | अतः सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये एक ऐसी प्रबंधन प्रणाली अपनाई जाए जिसमे अग्रिम मोर्चे पर कार्य करने वाले अधिकारी तथा कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित हो |
प्रबंधन  के आवेदन पर ही राज्य शासन कर सकता है, एक कारखाना के रूप में पंजीयन  
पूरे सेल में केवल भिलाई इस्पात संयंत्र एक ऐसी इकाई है, जहां संकार्य क्षेत्र को ४३ फक्ट्रियों में पंजीकृत किया गया है | सीटू  द्वारा लंबे समय से पूरे भिलाई इस्पात संयंत्र को एक कारखाने के रूप में पंजीकृत करवाने की माँग की जाती रही है | वर्तमान दुर्घटना के दौरान भी दुर्घटना स्थल के किसी भी फेक्ट्री एरिया में न आने की चर्चा हुई थी ऐसी अप्रिय स्थितियों से बचने के लिये पूरे भिलाई इस्पात संयंत्र को एक कारखाने के रूप में पंजीकृत करवाना ही एकमात्र उपाय है |
यूनियन द्वारा सौंपे गए जाँच रिपोर्ट  पर कार्रवाई हो

सीटू के राष्ट्रीय महासचिव  कामरेड तपन सेन ने कहा कि यह दुर्घटना बेहद दुखद परिस्थितियों में हुई क्योंकि इस अवसर पर सभी को यह मालूम था कि गैस की पाइप लाइन में गैस है लेकिन किसी ने भी आग लगने की संभावना के बारे में विचार भी नहीं किया | जो की सुरक्षा पर बहुत बड़ी चूक है | सीटू की अपेक्स सुरक्षा समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट प्रबंधन को सौंप दी है तथा प्रबंधन से यह अपेक्षा भी है कि इस जांच रिपोर्ट पर शीघ्र अतिशीघ्र कार्यवाही होगी | साथ ही भविष्य में सभी संभव सुरक्षात्मक उपाय अपनाए जाएंगे, ताकि ऐसी कोई भी दुर्घटना भविष्य में भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मियों की जान न ले सके


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